नया पॉलिमर ठोस-अवस्था लिथियम बैटरियों का इंटरफेस सुधारता, आयन परिवहन तेज करता

Danny Weber

13:28 02-10-2025

© A. Krivonosov

नया पॉलिमर ठोस-अवस्था लिथियम बैटरी के इंटरफेस प्रतिरोध घटाता और आयन परिवहन तेज करता; 86% अधिक ऊर्जा घनत्व, 20,000 मोड़ पर स्थिरता—मोबाइल से EVs तक

शिनहुआ के अनुसार, चीनी विज्ञान अकादमी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स के शोधकर्ताओं ने ठोस-अवस्था लिथियम बैटरियों पर सार्थक प्रगति दर्ज की है, исमें उन्होंने दो पुरानी बाधाओं—उच्च इंटरफेसियल प्रतिरोध और आयन-परिवहन की कम दक्षता—को पार करने का तरीका प्रस्तावित किया है. उनके निष्कर्ष Advanced Materials में प्रकाशित हुए.

ठोस-अवस्था बैटरियों को उनकी उच्च ऊर्जा घनत्व और सुरक्षा के कारण अगला कदम माना जाता है, लेकिन इलेक्ट्रोड और इलेक्ट्रोलाइट के बीच की सीमा लंबे समय से प्रदर्शन को सीमित करती रही है. टीम ने एक नए पॉलिमर की ओर रुख किया, जिसकी श्रृंखलाओं में आयन-चालक एथॉक्सी समूह और विद्युरासायनिक रूप से सक्रिय छोटे सल्फर-चेन दोनों निहित हैं. यह विन्यास इंटरफेस पर अणु-स्तर का एकीकरण संभव करता है, आयनों की आवाजाही तेज करता है और जरूरत पड़ने पर परिवहन और भंडारण मोड के बीच स्विचिंग की सुविधा देता है. पहली नज़र में यह केवल लैब का करतब नहीं, बल्कि इंटरफेस की मूल समस्या पर केंद्रित, सोचा-समझा समाधान लगता है.

इसी सामग्री पर आधारित एक लचीली बैटरी 20,000 बार मोड़े जाने के बाद भी स्थिर प्रदर्शन बनाए रखने में सक्षम रही. और जब इस सामग्री को एक समग्र कैथोड में शामिल किया गया, तो ऊर्जा घनत्व में 86% की वृद्धि दर्ज हुई. शोधकर्ताओं का मानना है कि उनका दृष्टिकोण सुरक्षित और उच्च-दक्षता वाली ठोस-अवस्था बैटरियों के लिए नई राहें खोलता है, जिनकी संभावनाएं पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक फैली हो सकती हैं.

यदि यही बढ़त व्यापक परीक्षणों में कायम रहती है, तो यह तकनीक व्यावहारिक उपयोग के और करीब आ सकती है और इस क्षेत्र की कुछ सबसे जिद्दी बाधाओं का दबाव घटा सकती है. निष्कर्ष सावधान आशावाद की ओर इशारा करते हैं—दिशा उम्मीद जगाती है, पर असली परीक्षा बड़े पैमाने के सत्यापन में होगी.