Danny Weber
21:20 30-10-2025
© A. Krivonosov
Intel और BOE ने AI‑आधारित 1 Hz मोड, MFD और SmartPower HDR से लैपटॉप डिस्प्ले की ऊर्जा खपत घटाई. अनुकूली रिफ्रेश रेट से बैटरी लंबी, रोलआउट 2026 से शुरू.
Intel ने चीनी डिस्प्ले निर्माता BOE के साथ मिलकर लैपटॉप के लिए नई ऊर्जा‑सहेजने वाली तकनीकें पेश की हैं, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए स्क्रीन के रिफ्रेश रेट को दिख रही सामग्री के अनुरूप समायोजित करती हैं. इसकी धुरी BOE का पहले प्रस्तुत किया गया 1 Hz मोड है, जो स्थिर छवियों पर बिजली की खपत को उल्लेखनीय रूप से घटाता है और बैटरी का समय बढ़ा देता है. विचार सरल है: जब स्क्रीन पर कुछ हिल नहीं रहा होता, तो पैनल को कम ही रिफ्रेश करना पड़ता है.
इस 1 Hz आधार से आगे, Intel मल्टी‑फ़्रीक्वेंसी डिस्प्ले (MFD) ला रहा है, जो रियल टाइम में कंटेंट का विश्लेषण कर स्क्रीन के अलग‑अलग हिस्सों के लिए उपयुक्त रिफ्रेश रेट खुद चुनता है. टास्कबार और अन्य स्थिर तत्व कम बार अपडेट होते हैं, जबकि वीडियो और तेज़ी से बदलते विज़ुअल्स उच्च रिफ्रेश पर बने रहते हैं. ज़ोन‑वार नियंत्रण की यह दिशा वही लगती है, जिसकी ओर लैपटॉप डिस्प्ले कई सालों से व्यवस्थित रूप से बढ़ रहे थे.
इसके साथ SmartPower HDR है, जो दृश्य की चमक के हिसाब से बैकलाइट वोल्टेज को समायोजित करता है. इससे उजले, उच्च‑कॉन्ट्रास्ट पलों और गतिशील हिस्सों में ऊर्जा की खपत घटती है, और तस्वीर की गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ता. व्यवहार में, वादा यह है कि दृश्य उतने ही जीवंत दिखेंगे, पर बैटरी पर सामान्य दंड के बिना.
BOE और Intel का कहना है कि यह संयुक्त प्रयास ऊर्जा उपयोग कम करता है, स्पष्टता की धारणा को निखारता है और डिस्प्ले को अधिक अनुकूलनीय बनाता है. परिणामस्वरूप, सॉकेट से दूर भी रनटाइम लंबा मिलना चाहिए, जबकि दृश्य निष्ठा और रोज़मर्रा की सुविधा बनी रहे. दक्षता पर केंद्रित यह कदम उपयोगकर्ता से किसी तरह का समझौता नहीं मांगता.
Intel इन समाधानों को 2026 में Intel प्लेटफ़ॉर्म पर थर्ड‑पार्टी उत्पादों तक लाने की योजना बना रहा है, और अमेरिकी ऊर्जा विभाग नई सुविधाओं के व्यापक रोलआउट में समर्थन देगा.